महाराज फिल्म से आमिर खान के बेटे जुनैद खान का फिल्म कैरियर शुरू हुआ है जुनैद ने फिल्म के हीरो करसन दास की भूमिका को बहुत शानदार तरीके से निभाया है”महाराज” फिल्म सनातनी समाज और ईश्वर का सहारा लेकर समाज में पाखंडी महाराज/बाबाओ के कुकरामो का भांडा भोड करती है और “महाराज” 1852 -1854 के गुजरात की एक सच्ची घटना पर फिल्म आधारित है
इसके निर्देशक मल्होत्रा पी. सिद्धार्थ ने बहुत ही शानदार तारीके से पर्दे पर उतारा है,ये बहुत ही अच्छा कदम है ये फिल्म आज जो लोग पाखंडी बाबा/साधु/महात्मा और महाराज के अंधभक्ति में पागल हुए हैं उनके लिए एक सच्चाई का आईना है देखा जाए तो उस समय के 1852-1854 के कालखंड की सत्य घटना पर अधारित सनातन समाज का सहारा लेकर पाखंडी महाराज की कृतियों को करसन दास जी जैसे महान पत्रकार और समाजसेवी ने इतना संघर्ष करके उस प्रथा का विरोध किया था अपने आप में ये बहुत महान कार्य था
ऐसी फिल्म आज के युवा पीढ़ी को जरूर देखनी चाहिए, निर्देशक ने इस फिल्म को अंधविश्वास में डूबे सनातनी हिंदुओं के लिए एक बहुत ही सुंदर संदेश दिया है जो लोग पाखंडी गुरु, महराज, बाबाओं के चक्रों में पड़े रहते हैं उनके लिए ये संदेश है की सुधर जाओ नहीं तो अपने सनातन धर्म के विनाश के तुम खुद ही जिम्मेदार होगे
ये फिल्म तो सत्य घटना पर आधारित फिल्म है लेखक सेन्हा देसाई, विपुल मेहता, कौसर मुनीर ने पटकथा संवाद बहुत अच्छे से लिखे हैं करसन दास का रोल निभाने के लिए जुनैद की मेहनत नजर आती है जुनैद ने बहुत ही मेहनत से इस रोल को निभाया है जुनैद ने पहली फिल्म से ही ये साबित कर दिया है कि वो अपने पिता आमिर खान से कम नहीं है
जयदीप अहलावत और शालीन पांडे और कालाकारो ने भी बहुत अच्छा काम किया है फिल्म 1852-1854 के पीरियड की कहानी है और ये फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है, इस फिल्म को जरूर देखना चाहिए, आज के युवा और हर समाज के लोगो के ये फिल्म बहुत लाभदायक साबित होगी, ये एक बहुत जोरदार तमाचा है उन पाखंडी साधु, संतो और बाबाओं और महाराज के मुंह पर जो भोली भाली जनता को बेवकूफ बना कर अपने जाल में उलझा लेते हैं इस फिल्म को एक बार जरूर देखना चाहिए